एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) का वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में मुनाफा सालाना आधार (YoY) पर 77% बढ़कर 1,437 करोड़ रुपए हो गया है। एक साल पहले की समान तिमाही में नेट प्रॉफिट ₹814 करोड़ था। रिजल्ट के बाद कंपनी का शेयर करीब 0.90% गिरकर 4,658 रुपए पर बंद हुआ। एक साल में HAL के शेयर ने करीब 140% का रिटर्न दिया है। वहीं इस साल शेयर 64% चढ़ा है। एक महीने में ये 15% गिरा है। कंपनी ने आज 14 अगस्त को पहली तिमाही के नतीजे जारी किए। HAL का रेवेन्यू 11% बढ़कर 4,348 करोड़ रुपए
कंपनी के संचालन से कॉन्सोलिडेटेड रेवेन्यू 4,348 करोड़ रुपए रहा। सालाना आधार पर इसमें 11% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 3,915 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू कहते हैं। अप्रैल में कंपनी को मिला था तेजस एयरक्राफ्ट बनाने का ऑर्डर
HAL प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के जोर के तहत फोकस में रहा है, जिससे कंपनी को मैन्युफैक्चरिंग ऑर्डर हासिल करने में मदद मिली है। इस साल अप्रैल में कंपनी को रक्षा मंत्रालय से भारतीय वायु सेना के लिए 97 हल्के लड़ाकू विमान (LCA Mk-1A) तेजस बनाने का ऑर्डर मिला, जिसकी लागत लगभग 67,000 करोड़ रुपए होगी। मिलिट्री और सिविल मार्केट के लिए एयरक्राफ्ट बनाती है कपंनी
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भारत सरकार के स्वामित्व वाली एक एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी है। कंपनी मिलिट्री और सिविल मार्केट के लिए एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर, एवियोनिक्स और संचार उपकरण डेवलप, डिजाइन, मैन्युफैक्चर और सप्लाई करती है। यह इंडियन एयरफोर्स, इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन, इंडियन कोस्ट गार्ड, इसरो, मॉरीशस पुलिस फोर्स, बोइंग और एयरबस इंडस्ट्रीज को सर्विस देती है। HAL का हेडक्वार्टर कर्नाटक के बेंगलुरु में है। हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट और एयरोनॉटिक्स इंडिया से मिलकर बनी HAL
23 दिसंबर 1940 को वालचंद हीराचंद ने तत्कालीन मैसूर सरकार के सहयोग से हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड की स्थापना बैंगलोर में की थी। मार्च 1941 में, भारत सरकार कंपनी में शेयरधारकों में से एक बन गई और बाद में 1942 में इसका मैनेजमेंट अपने हाथ में ले लिया। जनवरी 1951 में, कंपनी को भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में रखा गया। इस बीच, अगस्त 1963 में, लाइसेंस के तहत मिग-21 एयरक्राफ्ट का निर्माण करने के लिए एयरोनॉटिक्स इंडिया लिमिटेड (AIL) को भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी के रूप में बनाया गया। दो कंपनियों यानी हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड और एयरोनॉटिक्स इंडिया लिमिटेड को 1 अक्टूबर 1964 को मिलाकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) बनाई गई।
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