गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार, 23 अगस्त को जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) गठबंधन को लेकर कांग्रेस से 10 सवाल पूछे। उन्होंने कहा, ‘सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में एनसी के साथ गठबंधन कर फिर से अपने मंसूबों को देश के सामने रख दिया।’ शाह ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस नेशनल कान्फ्रेंस के जम्मू-कश्मीर में अलग झंडे के वादे, आर्टिकल 370 को वापस लाकर राज्य को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के निर्णय का समर्थन करती है। उधर, जम्मू-कश्मीर चुनाव को लेकर दिल्ली में भाजपा की बैठक जारी है। जम्मू-कश्मीर के भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना, जुगल किशोर, अशोक कौल और तरुण चुघ बैठक में शामिल होने पार्टी चीफ जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचे हैं। राज्य में 3 फेज, 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को चुनाव होने हैं। रिजल्ट 4 सिंतबर को आएगा। स्मृति ईरानी ने कहा- सत्ता की लालच में हुआ गठबंधन
स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जिनके मन में खोट है, सत्ता के लालच में उनका गठबंधन हुआ है। नेशनल कॉन्फ्रेंस एक अलग झंडे की बात करती है। क्या कांग्रेस इसका समर्थन करती है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने घोषणा की है कि वे आर्टिकल 370 और 35A को बहाल करेंगे, क्या कांग्रेस भारत को तोड़ने के NC के एजेंडे का समर्थन करती है। स्मृति ने कहा- क्या कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के पाकिस्तानी एजेंडा LoC ट्रेड को सपोर्ट करती है। कश्मीर और भारत के लोगों कांग्रेस के इस गठबंधन पर जवाब का इंतजार कर रहा है। 22 अगस्त को हुआ था कांग्रेस और NC में गठबंधन का ऐलान राहुल गांधी 21 और 22 अगस्त को कश्मीर दौरे पर थे। यहां उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की थी। इसके बाद 22 अगस्त को फारूक ने कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान किया था। उन्होंने कहा, ‘राज्य की सभी 90 सीटों पर दोनों दल एक साथ चुनाव लड़ेंगे। सीटों को आज रात तक फाइनल कर लिया जाएगा। हमें उम्मीद है कि हम फिर से सत्ता में आएंगे। हमारे दरवाजे सभी के लिए खुले हैं।’ पूरी खबर पढ़ें जम्मू-कश्मीर में तीन फेज में होगी वोटिंग
इलेक्शन कमीशन ने 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। राज्य में तीन फेज में वोटिंग होगी। यहां विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 46 है। चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में चुनाव के पहले फेज के लिए गजट नोटीफिकेशन 20 अगस्त से शुरू हो जाएगा। पहले फेज के नॉमिनेशन के लिए आखिरी तारीख 27 अगस्त होगी। 2014 में हुए थे आखिरी विधानसभा चुनाव
आखिरी बार 2014 में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।
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