नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने कैश और फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेड के लिए लगने वाली ट्रांजैक्शन फीस में बदलाव किया है। NSE में कैश मार्केट के लिए अब ट्रांजैक्शन फीस 2.97 रुपए/लाख ट्रेडेड वैल्यू होगी। वहीं इक्विटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में फ्यूचर्स में ट्रांजैक्शन फीस 1.73 रुपए/लाख ट्रेडेड वैल्यू होगी। जबकि ऑप्शंस में 35.03 रुपए/लाख प्रीमियम वैल्यू होगी। करेंसी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में NSE ने फ्यूचर्स के लिए ट्रांजैक्शन फीस 0.35 रुपए/लाख ट्रेडेट वैल्यू रखी है। जबकि करेंसी ऑप्शंस और इंटरेस्ट रेट ऑप्शंस में यह फीस 31.1 रुपए/लाख प्रीमियम वैल्यू होगी। इसी तरह BSE ने भी अपनी ट्रांजैक्शन फीस में बदलाव किया है। करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट में फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स (क्रॉस करेंसी फ्यूचर्स के साथ) पर एक करोड़ की टर्नओवर वैल्यू पर 45 रुपए फीस लगेगी। BSE के ऑप्शंस पर एक करोड़ की प्रीमियम टर्नओवर वैल्यू पर 100 रुपए की फीस लगेगी। ये बदलाव 1 अक्टूबर से लागू होंगे। SEBI के निर्देश के बाद NSE-BSE ट्रांजैक्शन फीस में बदलाव किया NSE और BSE ने ट्रांजैक्शन फीस में यह बदलाव मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की ओर से जुलाई में आए मैंडेट के बाद किए हैं। उस मैंडेट में SEBI ने स्टॉक एक्सचेंजेज को मार्केट इंफ्रास्ट्रक्टर इंस्टीट्यूशंस के सभी सदस्यों के लिए यूनिफॉर्म फ्लैट फी स्ट्रक्चर रखना जरूरी किया था। इसके जरिए SEBI वॉल्यूम और एक्टिविटी के आधार पर अलग-अलग स्लैबों में अलग-अलग फीस के स्ट्रक्चर को बदलना चाहती है। यह भी पढ़े… जीरो ब्रोकरेज सर्विस को बंद कर सकता है जिरोधा: SEBI के नए सर्कुलर के बाद बोले नितिन कामत- इससे रेवेन्यू स्ट्रीम खत्म हुई ब्रोकरेज फर्म जिरोधा ‘जीरो ब्रोकरेज फ्रेमवर्क’ खत्म कर सकता है, या फ्यूचर्स और ऑप्शंस (FO) की ट्रेडिंग फीस बढ़ा सकता है। जिरोधा के को फाउंडर और CEO नितिन कामत ने ये संकेत दिए हैं। मार्केट रेगुलेटर SEBI के नए सर्कुलर के कारण ऐसा हो सकता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…
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