प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई के दौरे के बाद 2 दिन की यात्रा पर बुधवार को सिंगापुर पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री लॉरेंस वॉन्ग ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने डिनर भी किया, जिसे प्रधानमंत्री वॉन्ग ने PM मोदी के सम्मान में होस्ट किया। इससे पहले सिंगापुर शहर पहुंचे मोदी का भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान PM मोदी ने ढोल भी बजाया। मोदी के स्वागत में पहुंचे कलाकार ढोल की धुन पर नृत्य करते नजर आए। लोगों ने PM मोदी को भगवा रंग का गमछा भेंट किया। सिंगापुर के जिस होटल में वे ठहरे हैं, उसके बाहर भी भारतीय समुदाय के लोग उनके स्वागत के लिए मौजूद रहे। लोगों ने PM मोदी के साथ सेल्फी भी ली। उन्होंने ‘रामचंद्र की जय’ और ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारे लगाए। इस दौरान एक महिला ने उन्हें राखी भी बांधी। सिंगापुर यात्रा के दौरान मोदी राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम समेत कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। PM मोदी सिंगापुर के कारोबारी समुदाय के नेताओं से भी मिलेंगे। सबसे बड़े महल ‘इस्ताना नुरुल इमान’ में मोदी का स्वागत
इससे पहले बुधवार को PM ने ब्रुनेई सुल्तान बोल्कैया के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं के बीच रक्षा, व्यापार, शिक्षा, तकनीक और स्वास्थ्य जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। डेलीगेशन लेवल की बैठक के बाद भारत और ब्रुनेई के बीच MoU भी साइन हुए। उन्होंने बंदर सेरी बेगवान और चेन्नई के बीच सीधी फ्लाइट शुरू करने के फैसले का स्वागत किया। इसके अलावा दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने ASEAN देशों के विकास के लिए काम करने पर सहमति जताई। ब्रुनेई के सुल्तान ने PM मोदी के सम्मान में दुनिया के सबसे बड़े महल ‘इस्ताना नुरुल इमान’ में लंच भी होस्ट किया। PM मोदी ने कहा, “ब्रुनेई में मेरा गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया, जिसके लिए मैं शाही परिवार को धन्यवाद देता हूं। यह किसी भारतीय PM की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। यहां मिले अपनेपन ने मुझे दोनों देशों के सदियों पुराने संबंधों का एहसास कराया है।” चीन का नाम लिए बिना PM मोदी ने कहा- भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पेसिफिक विजन में ब्रुनेई अहम साझेदार रहा है। भारत ने हमेशा ASEAN देशों में शांति को प्राथमिकता दी है। हम अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत नेविगेशन और हवाई उड़ान की आजादी का समर्थन करते हैं। भारत विस्तारवाद नहीं बल्कि विकासवाद का समर्थक है। भारत-ब्रुनेई के रिश्तों को ‘एनहैंस्ड पार्टनरशिप’ का दर्जा
प्रधानमंत्री ने कहा- इस साल भारत और ब्रुनेई के राजनीतिक संबंधों के 40 साल पूरे हो गए हैं। ऐसे में हमने तय किया है कि दोनों देशों के रिश्तों को ‘एनहैंस्ड पार्टनरशिप’ (आगे बढ़ती साझेदारी) का दर्जा देंगे। मुझे खुशी है कि भारतीय समदुाय ब्रुनेई के विकास में अपना योगदान दे रहा है। PM मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में मंगलवार को ब्रुनेई पहुंचे थे। यहां उनका भव्य स्वागत हुआ। वे ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्कैया और उनके परिवार के सदस्यों से दुनिया के सबसे बड़े महल ‘इस्ताना नुरुल ईमान’ में मिले। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार शाम ब्रुनेई पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर शहजादे अल-मुहतदी बिल्लाह ने उनका भव्य स्वागत किया था। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। इसके बाद PM मोदी ब्रुनेई की उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद पहुंचे। ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बेगवान के होटल में भारतीय समुदाय के लोगों ने भी उनका स्वागत किया। आलीशान जिंदगी जीते है ब्रुनेई के सुल्तान
बोल्कैया ब्रुनेई के 29वें सुल्तान हैं। 1984 में अंग्रेजों के जाने के बाद से वे ब्रुनेई के प्रधानमंत्री पद पर भी हैं। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बाद बोल्कैया सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले राजा हैं। उन्होंने 2017 में 50 साल राज करने पर गोल्डन जुबली मनाई थी। ब्रुनेई जैसे छोटे से देश में सुल्तान सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होने के साथ-साथ सबसे अमीर राजाओं में भी हैं। 1980 तक वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे। फोर्ब्स के अनुसार, बोल्कैया की कुल संपत्ति 2008 में 1.4 लाख करोड़ रुपए थी। सुल्तान की विलासिता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने राजा बनने के बाद 50 अरब रुपए का महल बनवाया। इस महल को “इस्ताना नुरुल इमान” के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा सुल्तान के पास 7 हजार कारें हैं। यह खबर भी पढ़ें… इस्लामिक देश ब्रुनेई क्यों गए मोदी: आबादी 4 लाख, भारत से 13 गुना ज्यादा प्रति व्यक्ति आय, टैक्स नहीं फिर भी शिक्षा-इलाज मुफ्त कैसे भारत से 7,486 किलोमीटर दूर एक आईलैंड है, बोर्नियो। इस पर 3 देश बसे हैं, जिनमें में से एक है ब्रुनेई। ये एक इस्लामिक देश है, जहां सिर्फ 4 लाख लोग रहते हैं। PM मोदी इसी देश के दौरे पर हैं। यहां के राजा हसनल बोल्कैया ने प्रधानमंत्री मोदी को न्योता दिया था। आज तक भारत का कोई प्रधानमंत्री ब्रुनेई के दौरे पर नहीं गया था। पूरी खबर पढ़ें…
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