रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने 4 नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) को लोन सैंक्शन और डिस्बर्सल (वितरण) करने से रोक दिया है। नियम से ज्यादा ब्याज बसूलने के कारण RBI ने आशीर्वाद माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड, आरोहन फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, DMI फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड और नवी फिनसर्व लिमिटेड पर एक्शन लिया है। RBI ने जानकारी देते हुए बताया कि उसका यह निर्णय 21 अक्टूबर के कारोबारी दिन के अंत से प्रभावी होगा। हालांकि, ये प्रतिबंध इन कंपनियों को अपने मौजूदा कस्टमर्स को सर्विस प्रोवाइड करने, दिशा-निर्देशों के अनुसार वसूली और रिकवरी करने से नहीं रोकते हैं। ब्याज ज्यादा लेने के साथ कई नियमों का भी पालन नहीं किया इन कंपनियों के वेटेड एवरेज लेंडिंग रेट (WALR) और फंड के कॉस्ट पर ब्याज का पेमेंट ज्यादा था, जो RBI के नियमों के तहत सही नहीं है। इसी कारण से RBI ने इनके बिजनेस पर रोक लगाई है। इसके साथ ही इन नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां को कई अन्य नियमों का भी पालन करते हुए नहीं पाया गया है। RBI ने कहा, पिछले कुछ महीनों में अलग-अलग माध्यम से छोटे वैल्यू वाले लोन में पारदर्शिता बरतने को कहा गया था। इसके बाद भी इन कंपनियों ने अनुचित और गलत प्रैक्टिस अपनाया है। इससे पहले 9 अक्टूबर 2024 को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने स्टेटमेंट में कहा था कि हम कुछ NBFC के कामकाज पर नजर रखे हुए हैं और वो कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे। जरूरी सुधार होने के बाद हटेंगे प्रतिबंध RBI ने कहा, इन प्रतिबंधों की समीक्षा तब की जाएगी जब कंपनियों से यह पुष्टि मिलेगी कि उन्होंने नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी सुधार किए हैं। खास तौर पर इन कदमों में उनकी प्राइजिंग पॉलिसी, रिस्क मैनेजमेंट प्रोसेस, कस्टमर सर्विस और प्रॉब्लम सॉल्विंग मेथड को शामिल किया जाएगा। ताकि, यह सुनिश्चित हो सके कि RBI के नियमों का सही से पालन किया जा रहा है। यह भी पढ़ें… ब्याज दरों में लगातार 10वीं बार बदलाव नहीं: यानी लोन महंगे नहीं होंगे, EMI भी नहीं बढ़ेगी; RBI ने रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रखी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार 10वीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। RBI ने ब्याज दरों को 6.5% पर जस का तस रखा है। यानी लोन महंगे नहीं होंगे और आपकी EMI भी नहीं बढ़ेगी। RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं। पूरी खबर पढ़ें…
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